IIT Suicide Case: प्रियंका जयसवाल (29) झारखंड के दुमका जिले की रहने वाली हैं। पिछले महीने, उसे संस्थान के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला मिला। आईआईटी में आत्महत्या करने वाली छात्रा के पिता बोले कि एक दिन पहले ही फोन किया था। उसने मां से कहा था कि सुबह सात बजे उठा देना, नाश्ता करने में देर हो जाती है।
गुरुवार दोपहर को अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाई गई। पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
पिछले दो सप्ताह में आईआईटी-कानपुर में कथित आत्महत्या का यह दूसरा मामला है। “हमने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट मिलने के बाद और अधिक जानकारी मिलेगी। कानपुर के सहायक पुलिस आयुक्त (कल्याणपुर) अभिषेक पांडे ने कहा, यह आत्महत्या का मामला लगता है क्योंकि दरवाजा अंदर से ठीक से बंद था।
इतने बड़े मामलों में भी मीडिया पर रोक क्यों?
आईआईटी में एक माह में तीसरी आत्महत्या हुई है। पुलिस-प्रशासन के साथ आईआईटी अधिकारी मौके पहुंचे, लेकिन मीडिया के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। इससे पहले के मामलों में भी मीडिया को अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली थी।
संस्थान ने एक बयान में कहा, “प्रियंका जायसवाल आज (गुरुवार) दोपहर अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाई गईं। पुलिस की फोरेंसिक टीम ने परिसर का दौरा किया…संस्थान मौत का संभावित कारण निर्धारित करने के लिए पुलिस जांच का इंतजार कर रहा है।
10 जनवरी को, संस्थान के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के छात्र 26 वर्षीय विकास कुमार मीना अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाए गए। पुलिस ने कहा कि विकास ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि उसे कुछ शैक्षणिक समस्याएं थीं और उसने यह कदम अपनी मर्जी से उठाया और उसकी मौत के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
साफ सुथरा था कमरा
एसीपी ने बताया कि दरवाजा तोड़ने के बाद पुलिस टीम जब भीतर दाखिल हुई तोे प्रियंका शव फंदे से लटक रहा था। वहीं टेबल बेड के नीचे गिरा पड़ा था। ऐसे में साफ है कि प्रियंका ने फंदे से लटकने के लिए टेबल का सहारा लिया था। कमरे में बेड के अलावा एक टेबल, रजाई गददे, एक बैग और कुछ कॉपी किताब ही थे। फोरेंसिक टीम ने पूरे कमरे को खंगाला, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।